चाह की आग में बेचैनी: जब अधिक की लालसा मन को घेर ले
साधक,
तुम्हारा यह प्रश्न बहुत गहरा है। अधिक पाने की इच्छा जो कभी पूरी न हो, वह मन को बेचैन करती है, तनाव देती है और असंतोष की आग जलाती है। आइए गीता के प्रकाश में इस बेचैनी को समझें और उससे मुक्त होने का मार्ग खोजें।