शांति का दीपक: उग्रता के बीच स्थिरता की खोज
साधक, जब जीवन में कोई हमें उकसाता है, तो हमारा मन अशांत हो उठता है। यह स्वाभाविक है, क्योंकि हमारे अंदर अहंकार, क्रोध और ईर्ष्या के भाव पलते हैं। परंतु सच्ची वीरता वह है, जो इन उथल-पुथल के बीच भी शांति बनाए रखे। तुम अकेले नहीं हो, हर व्यक्ति के मन में कभी न कभी ये भाव आते हैं। आइए, गीता के अमृत शब्दों से इस उलझन का समाधान खोजें।