भावनात्मक थकावट से उबरने का रास्ता: आत्मा की शांति की ओर
साधक, जब हम दूसरों की भावनाओं, उम्मीदों और प्रतिक्रियाओं के जाल में उलझ जाते हैं, तो हमारा मन थक जाता है, ऊर्जा खत्म हो जाती है। यह थकावट केवल शारीरिक नहीं, बल्कि गहरी भावनात्मक होती है। लेकिन याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। जीवन के इस संघर्ष में भगवद गीता तुम्हारे साथ है, जो तुम्हें सिखाती है कैसे अपने भीतर की शक्ति को पहचानो और दूसरों के बोझ से मुक्त रहो।