अपमानों के बीच भी अटल रहना — सच्ची शक्ति का रहस्य
साधक,
जब अपमानों की आग हमारे मन को झुलसा रही हो, तब लगता है कि शक्ति का अर्थ केवल प्रतिकार करना या गुस्से में फूट पड़ना है। परन्तु गीता हमें सिखाती है कि सच्ची शक्ति वह है जो अपमानों के बीच भी अपने मन को स्थिर, निर्मल और दयालु बनाए रखे। तुम अकेले नहीं हो, हर मानव के मन में कभी न कभी यह संघर्ष होता है। चलो, इस गहन विषय को गीता की अमृत वाणी से समझते हैं।