tolerance

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

गुस्से के बिना अपमानों का सामना — शांति का पहला कदम
साधक, जब हम अपमानों का सामना करते हैं, तो मन में गुस्सा, चोट और अहंकार के भाव उठते हैं। यह स्वाभाविक है, क्योंकि हमारा मन अपने सम्मान को बचाने के लिए लड़ता है। परन्तु, गीता हमें सिखाती है कि हम अपने क्रोध को नियंत्रित कर, अपमानों को भी एक अवसर बना सकते हैं — आत्म-विकास का। चलिए, इस राह पर साथ चलते हैं।

🕉️ शाश्वत श्लोक

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

(भगवद्गीता 2.47)