correction

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

अहंकार की दीवार को तोड़ते हुए — सुधार का स्नेहिल मार्ग
साधक, जब हम किसी की गलती सुधारने बैठते हैं, तो अक्सर हमारे भीतर अहंकार की दीवार खड़ी हो जाती है। यह दीवार संवाद को बाधित करती है और रिश्तों में दूरी पैदा करती है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। यह संघर्ष मानव स्वभाव का हिस्सा है। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस उलझन को सुलझाएं।

अहंकार के परदे से परे — गलती सुधारने का सच्चा मार्ग
साधक,
जब हम किसी की गलती सुधारना चाहते हैं, तो हमारा मन अक्सर अहंकार की दीवारों से घिर जाता है। हम डरते हैं कि कहीं हमारा शब्द घमंड या अपमान न लग जाए। यह चिंता स्वाभाविक है, क्योंकि मनुष्य का स्वाभिमान उसकी सुरक्षा कवच है। परन्तु गीता हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम और ज्ञान अहंकार से ऊपर होता है। आइए, इस उलझन को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।