अहंकार की दीवार को तोड़ते हुए — सुधार का स्नेहिल मार्ग
साधक, जब हम किसी की गलती सुधारने बैठते हैं, तो अक्सर हमारे भीतर अहंकार की दीवार खड़ी हो जाती है। यह दीवार संवाद को बाधित करती है और रिश्तों में दूरी पैदा करती है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। यह संघर्ष मानव स्वभाव का हिस्सा है। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस उलझन को सुलझाएं।