अनुशासन और दमन: आत्मा की दो राहें, एक लक्ष्य
साधक, जब हम अपने मन और जीवन के दो पहलुओं — अनुशासन और दमन — के बीच भ्रमित होते हैं, तो यह समझना आवश्यक है कि ये दोनों शब्द समान नहीं हैं। एक तरफ अनुशासन है जो हमें स्वाभाविक रूप से सही दिशा में ले जाता है, वहीं दमन वह कठोरता है जो मन के स्वाभाविक प्रवाह को दबा देता है। चलिए, भगवद गीता के दिव्य प्रकाश में इस अंतर को समझते हैं।