अहंकार की आड़ में आध्यात्मिकता? – चलो इस भ्रम को समझें
साधक,
तुम्हारा यह प्रश्न बहुत ही गहन और महत्वपूर्ण है। अक्सर हम सोचते हैं कि आध्यात्मिक लोग अहंकार से परे होते हैं, लेकिन क्या सच में ऐसा होता है? क्या आध्यात्मिकता में अहंकार का कोई स्थान है? यह समझना जरूरी है क्योंकि अहंकार कभी भी छुपा रूप लेकर हमारे भीतर घुस आता है, चाहे हम कितने भी आध्यात्मिक क्यों न हों। आओ, इस सवाल का उत्तर भगवद गीता की अमृत वाणी से खोजें।