सच की परतों के पीछे छुपा अहंकार
साधक, जब हम झूठी विनम्रता की चादर ओढ़ते हैं, तो अक्सर उसका मूल कारण हमारा अहंकार होता है। यह अहंकार एक ऐसा आवरण है जो हमारी असुरक्षा, भय और स्वाभिमान की रक्षा करता है। तुम्हारा प्रश्न गहरा है, क्योंकि यह मन के उन झरनों को छूता है जहाँ से हमारी असली पहचान निकलती है। चलो, इस विषय की गहराई में गीता के प्रकाश से उतरते हैं।