भय के सागर में एक दीपक: भविष्य के भय से मुक्ति का मार्ग
प्रिय शिष्य, मैं समझता हूँ कि भविष्य को लेकर जो अनिश्चितता और भय तुम्हारे मन को घेर रहे हैं, वे कितने भारी और असहज हो सकते हैं। यह स्वाभाविक है कि हम अनजाने कल को लेकर चिंतित हों, परंतु भगवद गीता तुम्हें यह सिखाती है कि भय के अंधकार में भी प्रकाश है। चलो, साथ मिलकर उस प्रकाश की ओर कदम बढ़ाएँ।