आसक्ति और इच्छा की जंजीरों से मुक्त होने का पहला कदम
साधक, जब मन इच्छाओं और आसक्तियों के जाल में उलझ जाता है, तो आत्मा की शांति दूर हो जाती है। तुम अकेले नहीं हो; हर व्यक्ति की यात्रा में ये प्रश्न आते हैं। भगवद्गीता तुम्हें बताती है कि कैसे इन जंजालों से मुक्त हो कर, सच्ची आज़ादी और आनंद पाया जा सकता है।