ऑनलाइन पूर्णता के भ्रम से बाहर: सच्चे सुख की ओर पहला कदम
साधक, आज के डिजिटल युग में हर तरफ एक चमकदार दुनिया है जहाँ सब कुछ पूर्ण, सुंदर और सफल लगता है। पर क्या वह सब सच में पूर्णता है? या यह केवल एक भ्रम है जो हमारे मन को बेचैन करता है? चलिए, इस उलझन को भगवद्गीता के अमृत वचनों से समझते हैं।