protection

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

भगवान की छाया में: जब भक्त की रक्षा का वचन हो
साधक,
तुम्हारे हृदय में जो यह प्रश्न उमड़ रहा है — "कृष्ण अपने सच्चे भक्तों की कैसे रक्षा करते हैं?" — वह भक्तिपथ की गहराई को समझने की प्रथम सीढ़ी है। यह प्रश्न तुम्हारे विश्वास की परीक्षा भी है और उस दिव्य आश्वासन की खोज भी, जो हर संकट में हमारा सहारा बनता है। चलो, हम मिलकर इस रहस्य को गीता के अमृत शब्दों से समझते हैं।

मन की शांति की ओर पहला कदम: नकारात्मकता और गपशप से बचाव
साधक,
मन की दुनिया बहुत संवेदनशील है। जब हम उसे नकारात्मकता और गपशप की चपेट में आने देते हैं, तो वह अशांत और भ्रमित हो जाता है। यह समझना जरूरी है कि मन को नियंत्रित करना कोई असंभव कार्य नहीं, बल्कि एक अभ्यास है जो हमें गीता के अमूल्य ज्ञान से मिलता है। आइए, इस उलझन को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।

दिल की उलझनों में शांति की खोज: तुम्हारा मन अकेला नहीं है
प्रिय मित्र, जब दिल और दिमाग दोनों भावनाओं के समुद्र में डूबे हों, तब शांति की तलाश एक कठिन यात्रा लगती है। रिश्तों की जटिलताओं और लगाव की गहराई में फंसे मन को समझना और उसे सहज करना सबसे पहला कदम है। तुम अकेले नहीं हो, हर मन यही सवाल करता है — कैसे मैं अपने भीतर की हलचल के बीच शांति बनाए रखूँ?

तुम अकेले नहीं हो: कृष्ण का अनमोल वादा
साधक, जब मन में भक्ति की गहराई होती है, तो कभी-कभी हम सोचते हैं — क्या कृष्ण सच में मेरे साथ हैं? क्या वे मेरी हर पीड़ा, मेरी हर चिंता को समझते हैं? आज हम उस दिव्य वादे को समझेंगे, जो भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों से किया है। यह वादा तुम्हारे मन को शांति और विश्वास से भर देगा।

दिल से दिल तक: बिना चोट खाए बिना शर्त प्यार की राह
साधक, प्यार वह मधुर अनुभूति है जो हमारे मन और आत्मा को जोड़ती है। परंतु जब हम बिना शर्त प्यार करने की बात करते हैं, तो अक्सर डर लगता है—क्या मैं फिर भी आहत नहीं होऊंगा? क्या मेरा दिल टूटेगा? यह सवाल बहुत स्वाभाविक है। आइए, गीता के दिव्य प्रकाश में इस उलझन को सुलझाएं।