जब माता-पिता का दबाव भारी लगे — तुम अकेले नहीं हो
साधक, यह समझना बहुत जरूरी है कि माता-पिता का प्यार और उनकी अपेक्षाएँ तुम्हारे जीवन में एक मार्गदर्शक की तरह होती हैं। पर कभी-कभी उनका दबाव इतना बढ़ जाता है कि तुम्हारा मन घुटने लगता है। ऐसे समय में भगवद गीता की शिक्षाएँ तुम्हारे लिए एक प्रकाश बन सकती हैं, जो तुम्हें समझदारी और धैर्य से आगे बढ़ने की शक्ति देंगी।