डर के साये में भी तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब भय तुम्हारे मन में घर कर जाता है, तो लगता है जैसे आध्यात्मिक यात्रा में कहीं कोई कमजोरी है। पर याद रखो, भय कोई कमजोरी नहीं, बल्कि एक संकेत है — तुम्हारे भीतर छुपे हुए प्रश्नों और असमंजस की आवाज़। चलो, भगवद गीता के प्रकाश में इस रहस्य को समझते हैं।