सफलता की माया से परे: असली आनंद की खोज
प्रिय मित्र, जब हम बाहरी सफलता के पीछे भागते हैं—धन, पद, मान-सम्मान—तो कभी-कभी हम खुद को खो देते हैं। यह समझना जरूरी है कि ये सब वस्तुएं अस्थायी हैं, और उनका पीछा करते-करते मन उलझन और बेचैनी में पड़ जाता है। भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने हमें इस माया के जाल से बाहर निकलने का मार्ग दिखाया है। आइए, इस दिव्य ज्ञान के साथ अपने मन को शांति की ओर ले चलें।