clinginess

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रिश्तों की डोर में फंसे दिल को आज़ाद करने का रास्ता
साधक, जब हम रिश्तों में बहुत ज़्यादा चिपक जाते हैं, तो वह प्यार नहीं, बल्कि एक प्रकार का बंधन बन जाता है जो हमारे और सामने वाले के बीच दूरी भी पैदा कर सकता है। यह उलझन हर किसी के जीवन में आती है, और समझना ज़रूरी है कि कैसे हम इस बंधन को प्रेम में बदल सकते हैं। चलिए, गीता के शाश्वत शब्दों से इस राह को रोशन करते हैं।

प्यार में चिपकापन: दिल को समझने की पहली सीख
जब हम प्यार करते हैं, तो कभी-कभी हमारा मन इतना जुड़ जाता है कि हम अपने साथी से अलगाव सहन नहीं कर पाते। यह चिपकापन, जो प्यार का एक रूप लग सकता है, असल में हमारे मन की असुरक्षा और भय का प्रतिबिंब होता है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। हर दिल में यह भाव आता है, और भगवद गीता में हमें इसका समाधान भी मिलता है।