तुम अकेले नहीं हो — आत्म-सम्मान की खोज में
साधक, जब तुम्हारे मन में यह विचार आता है कि "मैं पर्याप्त अच्छा नहीं हूँ," तो यह तुम्हारे भीतर की उस आवाज़ की पहचान है जो तुम्हें कमजोर महसूस कराती है। जान लो, यह अनुभूति हर मानव के जीवन में आती है, विशेषकर तब जब हम अपने सपनों और उम्मीदों के बीच संघर्ष कर रहे होते हैं। यह समय है अपने भीतर छिपी उस अपार शक्ति को पहचानने का, जो तुम्हें निरंतर आगे बढ़ने का साहस देती है।