साहस के साथ कदम बढ़ाना — पछतावे से मुक्त निर्णय की ओर
साधक,
जीवन के रास्ते अक्सर कठिन और अनिश्चित होते हैं। जब हम कोई बड़ा निर्णय लेने की घड़ी में होते हैं, तो मन में डर, संदेह और पछतावे की आशंका स्वाभाविक है। यह समझना जरूरी है कि निर्णय लेना भी एक कला है, जिसमें साहस और विवेक दोनों का मेल होता है। चलिए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाते हैं।