मन और दिल के द्वन्द्व में — तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब जीवन के मोड़ पर तुम्हारा मन और दिल एक-दूसरे से उलझ जाएं, तो समझो कि यह तुम्हारे भीतर की गहराई से जुड़ी एक पवित्र लड़ाई है। यह द्वन्द्व तुम्हारे विकास की राह में एक संकेत है, कि तुम्हें अपने अंदर की आवाज़ सुननी है। चिंता मत करो, मैं तुम्हारे साथ हूँ, और भगवद गीता की अमृत वाणी तुम्हें इस भ्रम से बाहर निकालने में मदद करेगी।
🕉️ शाश्वत श्लोक
श्लोक: