अकेलापन: एक आह्वान या असंतुलन?
साधक, जब तुम्हारे मन में अकेलेपन का भाव उठता है, तो समझो कि यह तुम्हारे भीतर की गहराई से एक संदेश है। यह तुम्हारा आत्मा से संवाद हो सकता है, या कभी-कभी मन और हृदय के बीच की दूरी भी। अकेलापन कभी-कभी आध्यात्मिक आह्वान होता है, तो कभी असंतुलन की आवाज़। चलो, गीता के प्रकाश में इसे समझते हैं।