घर की ज़िम्मेदारियों के बीच शांति का दीप जलाएं
प्रिय स्नेही मित्र,
जब घर की जिम्मेदारियाँ बढ़ती हैं, तो थकावट और कभी-कभी नाराजगी का आना स्वाभाविक है। यह भी एक मानव होने की निशानी है। लेकिन याद रखिए, आप अकेले नहीं हैं। जीवन के इस सफर में हमें अपने मन को समझना और उसे संतुलित रखना सीखना होता है। आइए, भगवद गीता के अमृत वचनों से हम इस उलझन का समाधान खोजें।