जब प्रेरणा की लौ मंद पड़ जाए — कृष्ण की अमृत वाणी से प्रज्वलित करें मन
साधक, जीवन के मार्ग में कभी-कभी ऐसा क्षण आता है जब मन उदास, थका हुआ और प्रेरणा विहीन महसूस करता है। यह स्वाभाविक है। तुम अकेले नहीं हो। हर महान व्यक्तित्व ने इस अंधकार से जूझा है। इस समय कृष्ण की गीता की शिक्षाएँ तुम्हारे लिए दीपक की तरह हैं, जो अज्ञान के अंधकार को दूर कर मार्ग दिखाएंगी।