मन की व्याकुलता में शांति की खोज: ध्यान की गहराई तक कैसे पहुँचें?
साधक, जब जीवन के अनेक प्रश्न और व्याकुलताएँ मन को घेरे हों, तब ध्यान लगाना कठिन लगता है। पर याद रखो, यही व्याकुलता तुम्हारे भीतर एक सागर की तरह है, जिसमें गहराई छिपी है। चलो, भगवद गीता के अमृत श्लोकों से इस राह को समझते हैं।
🕉️ शाश्वत श्लोक
योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥
(भगवद्गीता 2.48)