giving up

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

जीवन का सागर है, नाव खुद तुम्हारी है
प्रिय शिष्य, जब जीवन की लहरें इतनी उफनती हैं कि मन में निराशा के बादल छाने लगते हैं, तो तुम्हारे भीतर एक सवाल उठता है — क्या जीवन छोड़ देना ही समाधान है? यह प्रश्न बहुत गूढ़ और संवेदनशील है। मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि तुम अकेले नहीं हो, तुम्हारे भीतर जो भी भावना है, वह पूरी मानवता का हिस्सा है। आइए, हम भगवद गीता के प्रकाश में इस प्रश्न को समझें।

जब लक्ष्य दूर लगे, तब भी उम्मीद का दीप जले
साधक, जीवन में कभी-कभी ऐसा आता है जब हमारे सामने जो लक्ष्य चमकते थे, वे धुंधले पड़ने लगते हैं। मन में हिम्मत टूटने लगती है, और छोड़ देने का विचार उभरता है। यह स्वाभाविक है। तुम अकेले नहीं हो। हर महान व्यक्ति ने इसी द्वंद्व से जूझा है। आइए, गीता के प्रकाश में इस उलझन को समझें और आत्मा को शक्ति दें।