धन और धर्म के बीच: क्या चुनें जब मन उलझा हो?
साधक, जीवन के इस मोड़ पर जब तुम्हारे मन में यह सवाल उठता है कि पैसे की सुरक्षा और सार्थक काम के बीच क्या प्राथमिकता हो, तो समझो यह संघर्ष केवल तुम्हारा ही नहीं, बल्कि हर युग के साधक का है। यह द्वंद्व तुम्हारी आत्मा की पुकार है कि तुम अपने कर्मों में अर्थ और स्थिरता दोनों कैसे ला सको।
🕉️ शाश्वत श्लोक