peer pressure

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दबाव के बीच भी तुम अकेले नहीं हो — गीता का स्नेहिल संदेश
प्रिय युवा, जीवन में जब समानवर्गीय दबाव या peer pressure का सामना होता है, तो तुम्हारा मन घबराता है, असमंजस में पड़ जाता है, और कभी-कभी लगता है कि तुम अकेले हो। परंतु याद रखो, यह संघर्ष हर किसी के जीवन का हिस्सा है। भगवद गीता में हमें ऐसे समय के लिए गहरा, स्थिर और प्रेमपूर्ण मार्गदर्शन मिलता है, जो तुम्हारे भीतर की शक्ति को जागृत करता है।

दबाव में भी खुद को न खोना — साथ चलने का सही तरीका
साधक, जब हम कॉलेज या कार्यस्थल पर सहकर्मी दबाव का सामना करते हैं, तो यह ऐसा होता है जैसे हम एक तेज़ बहती नदी के बीच में खड़े हों। बहाव हमें कहीं ले जाना चाहता है, पर हमारा मन कहीं और टिकना चाहता है। इस स्थिति में सबसे ज़रूरी है अपने भीतर की आवाज़ सुनना और उस पर भरोसा रखना। तुम अकेले नहीं हो, हर व्यक्ति कभी न कभी इस संघर्ष से गुजरता है। आइए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को समझें और उससे पार पाने का मार्ग खोजें।