जुनून और कर्म: क्या पैसा ही सब कुछ है?
साधक, यह प्रश्न तुम्हारे मन की गहराई से निकली एक चिंता को दर्शाता है। जब हम अपने दिल की सुनते हैं, तो अक्सर राह में आर्थिक सुरक्षा का डर भी साथ चलता है। यह एक स्वाभाविक द्वंद्व है — जुनून और जीविका के बीच का संतुलन। तुम अकेले नहीं हो, अनेक लोग इसी सवाल से जूझते हैं। चलो, इस उलझन को भगवद गीता की अमृत वाणी से समझते हैं।