comfort zone

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

कर्तव्य और आराम के बीच: जीवन की सच्ची राह
साधक,
जब मन कर्तव्य और आराम के बीच उलझ जाता है, तो यह स्वाभाविक है। हर व्यक्ति चाहता है कि जीवन में सुख हो, परंतु क्या वह सुख स्थायी होगा? कृष्ण हमें बताते हैं कि सच्चा सुख तभी मिलता है जब हम अपने धर्म और कर्तव्य का पालन करते हैं, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो। चलिए इस उलझन को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।

स्थिरता और विकास के बीच: एक संतुलित जीवन की खोज
साधक,
तुम्हारे मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है—नौकरी में स्थिरता और विकास के बीच संतुलन कैसे बनाएँ? यह संघर्ष हर उस व्यक्ति के जीवन में आता है, जो अपने कर्म और भविष्य को लेकर सचेत है। चिंता मत करो, क्योंकि गीता के अमृत शब्द तुम्हारे लिए प्रकाश की किरण बनेंगे।