boredom

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

जीवन के अंधेरों में उजाला: नशे की वापसी और ऊब से लड़ने का मार्ग
साधक, जब मन की गहराइयों में ऊब और बेचैनी का अंधेरा छा जाता है, तब नशे की ओर लौटने का प्रलोभन भी बढ़ जाता है। यह स्वाभाविक है कि जब हम अपने अंदर खालीपन महसूस करते हैं, तब हम कुछ ऐसा चाहने लगते हैं जो उस खालीपन को भर दे। लेकिन याद रखो, असली समाधान बाहर नहीं, तुम्हारे अपने भीतर छुपा है।

नीरसता के बादल छंटेंगे — काम में नया उत्साह खोजें
प्रिय मित्र, बार-बार एक ही काम करना कभी-कभी मन को थका देता है, उत्साह कम कर देता है। यह स्वाभाविक है कि एकरसता से बोरियत हो, परंतु यही काम तुम्हारे सपनों की नींव बनता है। चलो, गीता की अमृत वाणी से इस उलझन को समझते हैं और जीवन में नयी ऊर्जा भरते हैं।

🕉️ शाश्वत श्लोक

योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥

(भगवद्गीता, अध्याय 2, श्लोक 48)

ज़िंदगी में फिर से रंग भरना: नीरस नौकरी में उद्देश्य खोजने की राह
प्रिय मित्र, जब हम रोज़मर्रा की नौकरी में खुद को खोया हुआ, थका हुआ और नीरस महसूस करते हैं, तो यह स्वाभाविक है कि मन में प्रश्न उठता है — "क्या मेरा काम सचमुच कोई मकसद रखता है?" या "मैं इस रोज़मर्रा की रूटीन में कैसे उद्देश्य पा सकता हूँ?" आइए, हम इस उलझन को भगवद गीता की अमूल्य शिक्षाओं से समझें और अपने भीतर एक नई रोशनी जलाएं।

🕉️ शाश्वत श्लोक

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

(अध्याय 2, श्लोक 47)