अंधकार में भी उजाला है: नकारात्मक विचारों से बाहर निकलने का मार्ग
साधक, जब मन के भीतर अंधेरा घना हो जाता है, और नकारात्मक विचारों की लहरें तुम्हें डुबोने लगती हैं, तब याद रखना कि तुम अकेले नहीं हो। हर मनुष्य के जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जब निराशा की छाया गहरी हो जाती है। परंतु यही छाया हमें अपने भीतर के प्रकाश को खोजने का अवसर भी देती है।