inner power

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

भीतर की शक्ति का प्रकाश: कृष्ण के सान्निध्य में आत्मबल की खोज
साधक, जब तुम्हारा मन भीतर की शक्ति को लेकर प्रश्न करता है, तो समझो कि यह तुम्हारे भीतर छुपा एक अनमोल खजाना है। जीवन की उथल-पुथल में यह शक्ति तुम्हारे लिए एक दीपक की तरह है, जो अंधकार को चीरकर राह दिखाती है। कृष्ण की गीता में छिपा यह ज्ञान तुम्हें आत्म-नियंत्रण, मन की स्थिरता और अडिग इच्छाशक्ति का उपहार देता है।

भीतर की अग्नि को जगाना: अभ्यास से आंतरिक शक्ति का सृजन
साधक, जब तुम आंतरिक शक्ति की खोज में हो, तो समझो कि यह कोई बाहरी वस्तु नहीं, बल्कि तुम्हारे भीतर की गहराई में छिपा एक प्रकाश है। अभ्यास वह चाबी है जो इस प्रकाश को जगाती है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो; हर महान आत्मा ने इसी मार्ग से होकर गुज़री है। चलो, मिलकर इस रहस्य को समझते हैं।

🕉️ शाश्वत श्लोक

योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय |
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते ||

(भगवद्गीता 2.48)

आत्मा की अग्नि: गीता में आंतरिक शक्ति की खोज
साधक, जब तुम अपने मन की गहराइयों में उतरते हो, तब तुम्हें एक ऐसी शक्ति मिलती है जो बाहरी परिस्थितियों से अप्रभावित रहती है। वह शक्ति तुम्हारे अंदर की सच्ची, अविनाशी ऊर्जा है — जिसे गीता ने आत्मा की चेतना और स्वाधीनता के रूप में परिभाषित किया है। आइए, इस रहस्य की चाबी गीता के शब्दों से खोलें।