अपनी आत्मा की आवाज़ सुनो, अहंकार की नहीं
साधक, जब जीवन के मार्ग पर हम चलते हैं, तब दो शक्तियाँ हमारे भीतर सक्रिय होती हैं — एक है हमारी सच्ची आत्मा, जो शांति, प्रेम और सच्चाई से भरी है, और दूसरी है अहंकार, जो स्वार्थ, भय और भ्रम से प्रेरित होता है। आज हम समझेंगे कि जब हम कहते हैं — "आत्मा से कार्य करना, अहंकार से नहीं," तो इसका क्या अर्थ है। यह समझना आपके जीवन के उद्देश्य और पहचान की खोज में एक अनमोल मोड़ हो सकता है।