आत्म-प्राप्ति: वह मधुर अनुभूति जो भीतर से जगाती है
साधक, तुम्हारा यह प्रश्न स्व-प्राप्ति की गहराई में उतरने की तीव्र आकांक्षा को दर्शाता है। यह यात्रा कभी सरल नहीं होती, क्योंकि यह तुम्हें तुम्हारे भीतर के भ्रम, अहंकार और सीमाओं से परे ले जाती है। परन्तु जान लो, तुम अकेले नहीं हो। हर महान योगी और ज्ञानी ने इस अनुभूति को खोजा है, और वह अनुभव अनंत शांति, पूर्णता और प्रेम से भरपूर होता है।