मन के तूफान में शांति का दीप जलाएँ
प्रिय मित्र, जब आवेग और अनियंत्रित विचार मन में उठते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे भीतर एक भंवर सा घूम रहा हो। यह स्वाभाविक है, क्योंकि हम सब मनुष्य हैं। परंतु यही क्षण हमारे लिए सबसे बड़े अध्यापक भी बन सकते हैं। आइए, भगवद गीता के अमृत शब्दों से इस तूफान को शांत करने का मार्ग खोजें।