योग का सार: कृष्ण के साथ दैनिक जीवन में संतुलन की खोज
साधक,
तुमने एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा है — कैसे हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में योग के मार्ग को अपनाएं? जीवन की भाग-दौड़, जिम्मेदारियां, और उलझनों के बीच योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दृष्टि है। कृष्ण ने भगवद गीता में इस मार्ग को सरल, सजीव और व्यवहारिक रूप में समझाया है ताकि हम हर परिस्थिति में स्थिर और संतुलित रह सकें। चलो, इस दिव्य संवाद के माध्यम से उस मार्ग को समझते हैं।