दिल से दूरी, दिल से जुड़ाव: अलगाव और परवाह का संतुलन
साधक, यह प्रश्न आपकी अंतरात्मा की गहराई से उठ रहा है — कैसे हम अपने संबंधों में एक स्वस्थ दूरी बनाए रखें, फिर भी स्नेह और परवाह की गहराई से जुड़े रहें? यह एक नाजुक कला है, जिसे समझना और अपनाना जीवन में शांति और प्रेम दोनों का आधार बनता है। आइए भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाएं।