प्रेम से जुड़ना: कृष्ण को अपने जीवनसाथी के रूप में पाना
साधक, तुम्हारा यह प्रश्न गहरा और पवित्र है। कृष्ण को अपने जीवनसाथी के रूप में पाना केवल एक भौतिक या पारंपरिक बंधन नहीं, बल्कि एक दिव्य आत्मीयता की यात्रा है। यह प्रेम, समर्पण और विश्वास का ऐसा संगम है, जो मन, हृदय और आत्मा को एक साथ जोड़ता है। चलो इस पवित्र यात्रा की शुरुआत करते हैं।