🌟 शक्ति की ठंडी लौ: बिना ठंडे हुए भावनात्मक मजबूती कैसे पाएं?
साधक, जब मन भीतर से उबल रहा हो, तनाव की लहरें सिर पर उठ रही हों, तब ठंडा रहना आसान नहीं होता। पर याद रखो, भावनात्मक मजबूती का अर्थ यह नहीं कि तुम अपनी आग को बुझा दो, बल्कि यह है कि उस आग को समझदारी से संभालना सीखो। तुम अकेले नहीं हो, हर मनुष्य के भीतर यह संघर्ष होता है। आइए, गीता के अमृत वचन से हम इस जटिल यात्रा को सरल बनाएं।