आत्मा की आवाज़ सुनो: आधुनिक जीवन में आध्यात्मिक सतर्कता का मार्ग
साधक,
आज के इस तेज़-तर्रार और व्यस्त जीवन में, जहाँ हर पल हमें अनेक दिशाओं में खींचा जाता है, तुम्हारा यह प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण है। आध्यात्मिक सतर्कता का मतलब है अपनी आत्मा से जुड़े रहना, भटकाव में न पड़ना और जीवन के गहरे अर्थ को समझना। यह संभव है, और गीता हमें इसके लिए अनमोल उपदेश देती है।
🕉️ शाश्वत श्लोक
योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥
— भगवद् गीता, अध्याय 2, श्लोक 48