results

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

शांति के सागर में डूबो — परिणाम दिवस की चिंता से मुक्त हो
प्रिय मित्र, परिणाम दिवस की घड़ी में मन बेचैन होना स्वाभाविक है। यह समय आपके प्रयासों का फल सामने लाता है, परन्तु याद रखो कि यह केवल एक चरण है, आपकी पूरी यात्रा नहीं। मैं तुम्हारे साथ हूँ, और हम मिलकर इस बेचैनी को शांति में बदलेंगे।

सफलता और असफलता से परे: तुम अकेले नहीं हो
साधक, जीवन में परीक्षा और परिणाम तो आते रहते हैं, पर यह मत भूलो कि तुम किसी अंक या ग्रेड से परिभाषित नहीं हो। आज हम भगवद गीता के उस अमूल्य ज्ञान की ओर चलेंगे जो तुम्हें इस उलझन से बाहर निकाल कर मन की शांति देगा।

कर्म के फल से मुक्त होकर जीवन की सच्ची आज़ादी
प्रिय मित्र, तुम्हारा यह प्रश्न बहुत गहरा और महत्वपूर्ण है। हम सभी कभी न कभी इस उलझन में पड़ते हैं कि जो हम करते हैं, उसका फल कैसा होगा? क्या सफलता मिलेगी या असफलता? परंतु जब हम फल की चिंता में फंस जाते हैं, तो हमारा मन बेचैन हो जाता है और कार्य में मन नहीं लगता। आइए, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन का समाधान खोजें।

परिणामों से अलगाव: मन की शांति की पहली सीढ़ी
साधक, जब जीवन की उलझनों और तनावों के बीच हम अपने कर्मों के फल की चिंता में डूब जाते हैं, तब मन बेचैन हो उठता है। तुम्हारा यह प्रश्न — "गीता परिणामों से अलगाव क्यों सुझाती है?" — बहुत गहरा है। यह प्रश्न तुम्हारे मन की उस बेचैनी को दर्शाता है जो फल की चिंता में खो गई है। आइए, हम इस उलझन को भगवद गीता के अमृत वचनों से समझें और मन को शांति की ओर ले चलें।