भीतर की पीड़ा: जब सब कुछ ठीक होने के बावजूद भी मन क्यों दुखता है?
प्रिय शिष्य, यह प्रश्न तुम्हारे अंदर की गहराई से उठता हुआ एक सच है। जब बाहरी जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक होता है, फिर भी मन क्यों बेचैन रहता है, यह समझना जीवन की एक बड़ी सीख है। चलो, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाते हैं।