अंधकार में भी ज्योति की खोज: भावनात्मक सुन्नता से उबरने का मार्ग
साधक, जब मन के भीतर एक सूनी, ठंडी खालीपन की अनुभूति होती है, जब भावनाएँ मानो ठहर सी जाती हैं और जीवन की रंगत फीकी लगने लगती है, तब यह समझना बहुत आवश्यक है कि तुम अकेले नहीं हो। यह अनुभव मानव जीवन का एक हिस्सा है, और भगवद गीता में ऐसे समय के लिए गहरा और सशक्त मार्गदर्शन मौजूद है।