टूटे बिना झेलो दर्द की आँधियाँ — तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब भावनाओं का तूफ़ान आता है, तब ऐसा लगता है जैसे सब कुछ टूट जाएगा। पर जानो, इस टूटन में भी तुम्हारे भीतर एक नयी शक्ति जागती है। तुम अकेले नहीं हो, यह दर्द हर किसी के जीवन में आता है, और गीता हमें सिखाती है कि कैसे हम टूटे बिना, स्थिर रहकर उस दर्द को सहन कर सकते हैं।