प्यार और परिवार के बीच: कैसे निभाएं अपने दिल की बात
साधक, यह समझना बहुत स्वाभाविक है कि जब प्यार के मामलों में माता-पिता का दबाव आता है, तो मन अंदर से परेशान, उलझा और कभी-कभी अकेला महसूस करता है। तुम अकेले नहीं हो। हर उस दिल ने यह जंग लड़ी है जो अपने प्यार और परिवार के बीच संतुलन बनाना चाहता है। आइए, गीता की अमृत वाणी से इस उलझन को सुलझाने की कोशिश करें।