विषैले संबंधों से मुक्ति का मार्ग: तुम अकेले नहीं हो
प्रिय मित्र, जब हम विषैले संबंधों में फंस जाते हैं, तब मन घुटता है, आत्मा थक जाती है और जीवन का प्रकाश मंद पड़ने लगता है। यह समझना जरूरी है कि तुम अकेले नहीं हो, हर कोई कभी न कभी ऐसे अनुभवों से गुजरता है। चलिए, गीता के अमूल्य ज्ञान से हम इस उलझन का समाधान खोजते हैं।