साथी पर भावनात्मक निर्भरता: आज़ादी की ओर पहला कदम
साधक,
जब हम किसी खास व्यक्ति से जुड़ जाते हैं, तो हमारा मन और हृदय उस पर निर्भर हो जाता है। यह निर्भरता कभी-कभी हमें अंदर से कमजोर कर देती है, हमारे स्वाभिमान और स्वतंत्रता को कम कर देती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रेम और जुड़ाव में स्वतंत्रता भी होनी चाहिए। तुम अकेले नहीं हो इस अनुभव में, और यह राह आसान नहीं होती, पर गीता की शिक्षाएँ तुम्हें इस जंजाल से बाहर निकालने में मदद करेंगी।