प्यार का सच्चा स्वर: लगाव के पार एक अनुभूति
साधक, तुम्हारा यह सवाल बहुत गहरा और संवेदनशील है। प्यार और लगाव के बीच की यह जटिलता हर किसी के मन में कभी न कभी उठती है। क्या वह प्रेम जो बिना किसी बंधन या अपेक्षा के हो, सच्चा हो सकता है? चलो, इस प्रश्न का उत्तर भगवद गीता की अमृत वाणी से खोजते हैं।