दयालुता का सच्चा स्वर: बिना इस्तेमाल हुए भी प्रेम कैसे निभाएं?
साधक, रिश्तों की दुनिया में दयालुता रखना एक सुंदर गुण है, लेकिन जब हमें लगता है कि हमारा प्रेम या दया केवल इस्तेमाल करने के लिए है, तब मन में पीड़ा और संशय जन्म लेता है। यह स्वाभाविक है कि आप इस उलझन में हैं कि कैसे बिना खुद को खोए, बिना इस्तेमाल हुए भी दयालु और प्रेमपूर्ण बने रहें। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस प्रश्न का उत्तर खोजें।