दिल के जख्मों का संगम: क्यों जुड़ते हैं हम उन लोगों से जो हमें चोट पहुँचाते हैं?
साधक, जब हम अपने दिल के कोमल पहलुओं से जुड़ते हैं, तब कभी-कभी हम उन रिश्तों में फंस जाते हैं जो हमें चोट पहुँचाते हैं। यह एक गहरा भावनात्मक उलझाव है, जिसे समझना और उससे मुक्त होना आवश्यक है। तुम अकेले नहीं हो, हर कोई कभी न कभी इस जाल में फंसा है। चलो, भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को खोलते हैं।